Indian Politics (भारत में राजनीतिक दल, पंजीकरण ,मान्यता)
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के अन्तर्गत राजनीतिक दल का अत्यधिक महत्त्व है क्योंकि इस व्यवस्था के अन्तर्गत सरकारों का गठन उस राजनीतिक दल द्वारा ही किया जाता है, जो चुनाव में बहुमत प्राप्त प्राप्त करता है। लोकसभा के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाला दल केन्द्र में सरकार बनाता है तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाला राज्यों में सरकार का गठन करता है। भारत में वास्तविक अर्थ में राजनीतिक
दल का गठन 1885 में हुआ, जब कांग्रेस अस्तित्त्व में आयी। स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान कई राजनीतिक दलों का गठन हुआ, लेकिन उनका अस्तित्त्व न के बराबर रहा। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भी क़रीब 1967 तक सम्पूर्ण भारत में कांग्रेस का ही प्रभुत्त्व रहा, लेकिन 1967 में कांग्रेस को अनेक राज्यों की की विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत नहीं प्राप्त हुआ तथा 1977 में पाँच दलों के विलय से गठित जनता पार्टी ने कांग्रेस को केन्द्र से भी सत्ता से हटा दिया लेकिन जनता पार्टी में आपसी मतभेद के कारण कांग्रेस पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ हुई। वी.पी. सिंह द्वारा कांग्रेसी प्रधानमंत्री पर लगाये गये आरोप के कारण कांग्रेस दिसम्बर, 1989 से जून, 1991 तक भी केन्द्र में सत्तारूढ़ नहीं रही लेकिन जून, 1991 से मई 1996 तक पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ रही।
पंजीकरण
राजनीतिक दलों का पंजीकरण निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है और पंजीकृत राजनीतिक दलों, चाहे राष्ट्रीय स्तर के हों या राज्य-स्तर के हों, को आरक्षित चुनाव चिह्न आबंटित किया जाता है। 1952 में निर्वाचन आयोग द्वारा 14 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में तथा 60 दलों को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी गयी थी। 30 सिंतबर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेकुलर) का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा समाप्त करने के निर्णय के कारण यह संख्या घटकर क्रमश: 4 और 48 हो गयी। बाद में 1 दिसम्बर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन), 1968 में संशोधन की घोषण करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता प्रदान कर दी। इस प्रकार वर्तमान में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 5 और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की संख्या 47 हो गई है। इनके अतिरिक्त भारत में पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त 612 राजनीतिक दल हैं।
मान्यता
राजनीतिक दलों को मान्यता निर्वाचन आयोग द्वारा इसके लिए घोषित "निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आबंटन) आदेश, 1968 के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है। जो राजनीतिक दल मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में अपना पंजीकरण कराना चाहता है वह इसके लिए आयोग के समक्ष आवेदन करता है


दल का गठन 1885 में हुआ, जब कांग्रेस अस्तित्त्व में आयी। स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान कई राजनीतिक दलों का गठन हुआ, लेकिन उनका अस्तित्त्व न के बराबर रहा। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भी क़रीब 1967 तक सम्पूर्ण भारत में कांग्रेस का ही प्रभुत्त्व रहा, लेकिन 1967 में कांग्रेस को अनेक राज्यों की की विधानसभाओं के चुनाव में बहुमत नहीं प्राप्त हुआ तथा 1977 में पाँच दलों के विलय से गठित जनता पार्टी ने कांग्रेस को केन्द्र से भी सत्ता से हटा दिया लेकिन जनता पार्टी में आपसी मतभेद के कारण कांग्रेस पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ हुई। वी.पी. सिंह द्वारा कांग्रेसी प्रधानमंत्री पर लगाये गये आरोप के कारण कांग्रेस दिसम्बर, 1989 से जून, 1991 तक भी केन्द्र में सत्तारूढ़ नहीं रही लेकिन जून, 1991 से मई 1996 तक पुन: केन्द्र में सत्तारूढ़ रही।
पंजीकरण
राजनीतिक दलों का पंजीकरण निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है और पंजीकृत राजनीतिक दलों, चाहे राष्ट्रीय स्तर के हों या राज्य-स्तर के हों, को आरक्षित चुनाव चिह्न आबंटित किया जाता है। 1952 में निर्वाचन आयोग द्वारा 14 दलों को राष्ट्रीय दल के रूप में तथा 60 दलों को राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता दी गयी थी। 30 सिंतबर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और जनता दल (सेकुलर) का राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा समाप्त करने के निर्णय के कारण यह संख्या घटकर क्रमश: 4 और 48 हो गयी। बाद में 1 दिसम्बर, 2000 को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन), 1968 में संशोधन की घोषण करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी को राष्ट्रीय दल की मान्यता प्रदान कर दी। इस प्रकार वर्तमान में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या बढ़कर 5 और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल की संख्या 47 हो गई है। इनके अतिरिक्त भारत में पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त 612 राजनीतिक दल हैं।
मान्यता
राजनीतिक दलों को मान्यता निर्वाचन आयोग द्वारा इसके लिए घोषित "निर्वाचन प्रतीक (आरक्षण और आबंटन) आदेश, 1968 के अधीन बनाये गये नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है। जो राजनीतिक दल मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में अपना पंजीकरण कराना चाहता है वह इसके लिए आयोग के समक्ष आवेदन करता है

0 comments:
Post a Comment